Stop Suicide

!! श्री हरिदास !!

!! आत्महत्या करना जितना अधिक आसान हे उस से कई करोड़ो अरबों गुना ज्यादा हे उसके बाद कि स्थिति को सहन करना, वास्तविकता वह नही होती जो हम सोच लेते हे, वास्तविकता वो होती हे जो अटल सत्य हे !!

  • क्या आपने बचपन में यह एक पल के लिए भी सोचा था कि आप बड़े होकर इस तरह मरने कि बड़ी बेहद अच्छे तरीके से तेयारी करोगे ? अपने बचपन के माता पिता कि खुशियों को याद करे !
  • सबर जिसके पास ह वो ही सिर्फमालामाल बेसब्री वाला कंगाल!
  • इतिहास में खोने वाले कायर मत बनो, अपना इतिहास खुद लिखना सीखो! ईश्वर अल्लाह जीसस गुरुग्रंथ साहेब, सहित समस्त ईश्वरीय अवतारों ने भी अपना इतिहास स्वंय इसी मानव शरीर के रहते हुए लिखा था, वरना रावन कंस और हिरण्याक्ष जेसे राक्षसों की कमी पहले भी नहीं थी और आज भी नहीं हे!
  • ईश्वर के यहाँ से इतना कायर इंसान कभी भी पैदा नही होता, जितना तुम बन जाते हों कोख से बाहर आ कर!
  • कायर नपुंसक मक्कार झूंठे बईमान तो तुम हो ही लेकिन अब कायरता कहीं और नहीं चली तो खुद के ही शरीर पर हमला? अपने ही शरीर को मारने कि सोच बेठे, अरे मुर्ख हिम्मत हे तो उन्हें मार जिन्होंने आज तुम्हें यहाँ तक पहुँचा दिया! लेकिन कायरता और खुद के द्वारा खुद का विनाश का आलम यहाँ तक आ पहुँचा कि अब तुम हमेशा हमेशा के लोइए कभी खत्म ना होने वाली असहनीय तड़प कि आग में खुद को ही झोंकने को तेयार हो ! जो अब तुम खुद की ही मासूम जिदगी और प्यारे से शरीर को धोखे से मार देने की ठान बेठे ?
  • तुम आत्महत्या शब्द को दुखो से मुक्ति समझ कर किसी और को नही बल्कि खुद को धोका देते हो खुद से झूंठ बोलते हो , क्युकी तुम खुद आत्महत्या शब्द ए अर्थ और इसके पीछे सभी धर्मो के अनुसार आत्महत्या के सत्य को जरा भी नहीं जानते हो, अगर जरा भी तुममें यह ज्ञान होता कि जिस भी धर्म को तुम और तुम्हारे माता पिता मानते हे उसको ही समझ लेते, काश तुम्हारे माता पिता तुम्हे पैसे पैसे पैसे और पैसे शब्द को समझाने कि जगह जींदगी शब्द को समझाबे कि कोशिश करते तो आज यह भ्रम नहीं पाल बैठते कि आत्महत्या के बाद में इन संसार के दुखो से पूरी तरह मुक्त हो जाऊंगा! अगर तुम जरा भी तुम्हारे धर्म के शाश्त्रो को जानते या मानते तो ही तुम यह जान पाते कि दुनिया तो तुम्हे कुछ ही समय में भूल भी जायेगी, विश्वास नहीं हे तो अपने दादा परदादाओं को याद करलो, वो भी जन्मे थे लेकिन आज उन्हें कोई नहीं पूछता!
  • यह दुनिया कौन होती हे तुम्हे माफ़ करने वाली और सजा से मुक्त करने वाली, अरे जब तुम दुसरे के शरीर की हत्या करके इस नश्वर संसार के कानून से तक नहीं बच सकते तो खुद के शरीर की हत्या करके उस परमात्मा के खिलाफ बगावत करके केसे बच पाओगे?
  • जन्म और मृत्यु का अधिकार सभी धर्मो के अनुसार सिर्फ और सिर्फ परमात्मा का हे, अपनों के अत्याचार से तो बचने कि हिम्मत नहीं हे, तो उस ईश्वर के द्वारा लिखित सजाओ से केसे बच पाओगे ?
  • जीवन अद्भुत और बहुत ही मुश्किल से मिला हुआ शरीर हे, जिसके लिए समस्त धर्मो के देवताओ को भी इसी शरीर के द्वारा आना पड़ा था.. इसे बर्बाद नहीं आबाद करने की और सोचे! अधिक जानकारी और सुझाव के लिए आगामी संस्करण का अध्ययन करे, अधिक जानकारी के लिए 30 दिसम्बर 2018 को होने वाली विश्व विमोचित संस्करण की प्रति आज ही बुक करे! 

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