!! श्री हरिदास !!
सृष्टि के प्रारम्भ से लेकर आज तक, संसार सहित, सम्पूर्ण विश्व में प्रचलित सारे धर्मों का आधार, कोई साक्षात् दिखने वाली कोई वास्तु नहीं, बल्कि… नहीं दिखने वाली अद्रश्य शक्ति ही हे ! और उसी अद्रश्य नहीं दिखने वाली शक्ति के सभी धर्मो अनुसार, संसार में आज तक, पूजा-पाठ, नमाज-इबादत, प्रार्थना, और अन्य आस्था से जुड़े सारे भावनात्मक कार्य सम्पन्न होते चले आये हे ! समस्त धर्म अपने अपने लिखित आधार पर ही प्रचलित हे !
सभी धर्मो के अनुयायी हवा में नहीं बल्कि अपनी-अपनी आस्था, अपनी-अपनी भावना और अपने-अपने संस्कार और कर्मो अनुसार, अपने ही विश्वास द्वारा अपने ही विश्वास की पूजा करते हे ! और सभी धर्मो के अनुसार अपना –अपना धर्म ही श्रेष्ठ होता हे !
यहाँ आपको समस्त श्रष्टि के मुख्य मुख्य प्रचलित धर्मो के, सारे महत्व के रहस्यों से पर्दा उठाकर आपके सामने समस्त विश्व के मुख्य मुख्य धर्मो को इतिहास सहित , उनका प्रारम्भ काल से लेकर, उनका लिखित इतिहास, उनकी मुख्य महत्ता, उनके मुख्य गुण, उन सभी धर्मो के मुख्य आधार, अस्तित्व और प्रमाण सहित समस्त जानकारी से पर्दा उठा कर शास्त्रोक्त रस निचोड़ के साथ, सारा सत्य आपके सामने प्रकाशित किया जाएगा , जिसके कारण जातिवाद और धर्मवाद की आड़ लेकर जितने भी पापी लोग आज जिन बेबस मासूम इंसानों कि जीन्द्गियों से खिलवाड़ कर रहे हे , और जो मासूम मजबूर इंसान एसी ही पापी- मुर्ख -धूर्त -अहंकारी स्वभाव वाले गलत लोगो के सम्पर्क में आकर, धर्म से ही नहीं बल्कि अपने सुख से भी खिलवाड़ कर बैठते हे! प्रकाशित होने तक सबसे विनती हे कि आप जिस भी धर्म के अनुयायी हे , बहुत अच्छी बात हे, बस इतना सा याद रखे कि अपने धर्म की श्रेष्ठता के चक्कर में, आपके ही अज्ञान और अनजाने गुस्से के कारण, कही आप ही के जेसे कई गरीब मासूम का ख़ुशियाँ आपकेही हाथो बर्बाद न हो जाए, क्यूँ कि धर्म कोई सा भी हो, हर धर्म का इंसान एक जेसा पैदा होता, एक जेसा मरता और अंत में एक ही जेसा नंगा होकर मरता हे! इसलिए हमे हमारे धर्मो के कारन लड़ने मरने से पहले, धर्म और अपने खुद के अस्तित्व के रहस्य को समझना अब बहुत ही जरुरी हो चूका हे! क्यूँ की धर्म बचे न बचे, लेकिन उसके चक्कर में गरीब भोले स्वाभाव के लोग, और गुस्से के गुलाम और बुद्धि से भ्रष्ट, आपस में लड़ने वाले समस्त जाती-धर्म-समस्त -उम्र- के इंसान जरुर ही बर्बाद होते !
सस्म्त धर्मो के मुख्य-मुख्य प्रतिनिधियों सहित, समस्त धर्मो का एतिहासिक आधार और प्रमाण सहित प्रकाशित..अनुसन्धान- रिसर्च पूरी होते ही !
!! धन्यवाद !!